कोलंबिया यूनिवर्सिटी: कैंपस में घुसी पुलिस, क्या है पूरा मामला
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में चल रहे फलीस्तीन-समर्थक प्रदर्शनों के बीच 30 अप्रैल की रात न्यूयॉर्क पुलिस विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुई. कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.
दुनियाभर में हो रहे हैं प्रदर्शन
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इस्राएल पर हमला किया. इसके बाद से ही इस्राएल और हमास में सैन्य संघर्ष जारी है. कहीं इस्राएल, तो कहीं फलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. फलीस्तीन-समर्थक प्रदर्शनों पर कई बार यहूदी-विरोधी होने के आरोप लगे. नवंबर 2023 में जो बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी स्कूलों और कॉलेजों को चेतावनी दी कि वे यहूदी-विरोध और इस्लामोफोबिया, दोनों को रोकने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाएं.
प्रदर्शनों में यहूदी-विरोध पर चिंता
इसी क्रम में रिपब्लिकन पार्टी ने अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में यहूदी-विरोध माहौल और मामलों की जांच का अभियान शुरू किया. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट क्लॉडिन गे, पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट लिज मैगिल और एमआईटी की प्रेसिडेंट सैली कोर्नब्लूठ को दिसंबर 2023 में कांग्रेस के आगे पेश होना पड़ा.
कॉलेज परिसर में एंटीसेमिटिज्म!
इन सभी से कैंपस में यहूदी-विरोध के मुद्दे पर सवाल-जवाब हुए. पूछा गया कि उनके संस्थान ने विश्वविद्यालय परिसर में यहूदी-विरोध की घटनाओं पर क्या कदम उठाए हैं. कई लोगों को उनके जवाब बेहद नपे-तुले और एहतियाती लगे. रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रैटिक पार्टी के कुछ नेताओं समेत व्हाइट हाउस ने भी इन जवाबों से असंतुष्टि दिखाई.
यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट्स की आलोचना
9 दिसंबर को पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट लिज मैगिल ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद जनवरी 2024 में हार्वर्ड की प्रेसिडेंट क्लॉडिन गे ने भी इस्तीफा दे दिया. आरोप था कि कांग्रेस के आगे पूछताछ में वह स्पष्ट तौर पर नहीं कह पाईं कि विश्वविद्यालय परिसर में यहूदियों के खिलाफ नरसंहार की अपील कॉलेज के कायदों का उल्लंघन होगा.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट पर भी सवाल उठे
इन बड़े विश्वविद्यालयों के साथ ही कोलंबिया परिसर पर भी सवाल उठे. यहां इस्राएल के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर यहूदी-विरोधी होने के आरोप लगे. यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट नेमत शाफिक की आलोचना हुई कि वह परिसर में यहूदी-विरोध से निपटने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं कर रही हैं. रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि शाफिक ने विश्वविद्यालय को एंटीसेमिटिज्म का गढ़ बनने दिया.
"यहूदी-विरोध की कैंपस में कोई जगह नहीं"
इन्हीं आरोपों के मद्देनजर 17 अप्रैल को नेमत शाफिक सवाल-जवाब के लिए कांग्रेस के आगे पेश हुईं. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया. स्पष्ट कहा कि यहूदी-विरोध की कैंपस में कोई जगह नहीं. पेशी की इसी तारीख से कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फलीस्तीन-समर्थक छात्रों ने प्रदर्शन के लिए एक शिविर बना लिया.
प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी शुरू हुई
18 अप्रैल को इन्हें हटाने के लिए न्यू यॉर्क शहर की पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने प्रदर्शन शिविर हटाया और 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों ने कहा कि उन्हें कोलंबिया और बर्नार्ड कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है. इनमें मिनेसोटा से डेमोक्रैटिक पार्टी की सांसद इलहान ओमर की बेटी इसरा हिरसी भी शामिल हैं.
कई कॉलेज कैंपसों में प्रदर्शन
कैंपस में पुलिस के पहुंचने के बाद से कोलंबिया यूनिवर्सिटी में तनाव बढ़ने लगा. कई जगहों पर, खासकर कॉलेजों में प्रदर्शन बढ़ गए. हार्वर्ड की तर्ज पर मिशिगन यूनिवर्सिटी, एमआईटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना में भी फलीस्तीन-समर्थक प्रदर्शन शिविर बन गए.
प्रदर्शनकारियों की मांग
हार्वर्ड में फलीस्तीन-समर्थक प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी कि विश्वविद्यालय उन कंपनियों से ताल्लुक खत्म करें, जिनका इस्राएल से संबंध है. प्रदर्शनकारियों और कॉलेज प्रशासन के बीच जारी गतिरोध के बीच 22 अप्रैल से यूनिवर्सिटी में इन-पर्सन क्लासें रद्द कर दी गईं. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में भी पुलिस बुलाई गई, दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया.
राष्ट्रपति बाइडेन का बयान
कॉलेजों में बढ़ते तनाव को देखते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने बीच का रास्ता निकालने की अपील की. उन्होंने यहूदी-विरोध की निंदा की. साथ ही, यह भी जोड़ा कि जो नहीं जानते कि फलीस्तीनियों के साथ क्या हो रहा है, वह उनकी भी निंदा करते हैं.
कोलंबिया में गतिरोध जारी रहा
इधर 24 अप्रैल को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शिविर खत्म करने का अल्टीमेटम दिया. कई प्रदर्शनकारी समयसीमा खत्म होने के बाद भी वहीं रहे. उनकी मांग थी कि जब तक कॉलेज इस्राएल या गाजा में जारी युद्ध का समर्थन करने वाली कंपनियों से संबंध तोड़ने को राजी नहीं होता, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा.
देशभर के कई कॉलेज कैंपसों में तनाव
इस दौरान और भी जगहों पर विश्वविद्यालय परिसरों में तनाव बना रहा. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़े. प्रदर्शनकारियों को कैंपस से बाहर कर दिया गया. यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया में भी पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार किया.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रशासन ने दिया अल्टीमेटम
समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, 29 अप्रैल तक देशभर के कॉलेज कैंपसों से गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों की संख्या 1,000 तक पहुंच गई. कोलंबिया में भी प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा लगाए गए तंबुओं की संख्या 100 से ज्यादा हो गई. प्रशासन ने कहा कि दोपहर दो बजे की समयसीमा तक शिविर खाली ना करने वाले छात्रों को निलंबित किया जाएगा.
कॉलेज के एक हॉल पर प्रदर्शनकारियों का नियंत्रण
30 अप्रैल को तनाव तब और गहरा गया, जब प्रदर्शनकारियों ने कोलंबिया परिसर स्थित हैमिल्टन हॉल पर कब्जा कर लिया. उन्होंने प्रवेश की जगहों पर बैरिकेड्स लगा दिए. खिड़की पर "फ्री पैलेस्टाइन" का बैनर टांग दिया. प्रदर्शनकारियों ने तीन मांगें रखीं: इस्राएल और गाजा में युद्ध का समर्थन करने वाली कंपनियों में निवेश ना हो, वित्तीय पारदर्शिता और प्रदर्शनकारी छात्रों पर लगाए गए आरोपों पर माफी.
पुलिस कैसे पहुंची कैंपस?
30 अप्रैल की रात यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट नेमत शाफिक ने न्यूयॉर्क पुलिस को एक चिट्ठी भेजी. इसमें उन्होंने पुलिस से दखल देने और कार्रवाई करने की मांग की. शाफिक ने लिखा, "प्रदर्शनकारियों की गतिविधियां हमारे दरवाजे के बाहर भी प्रोटेस्टर्स के लिए चुंबक का काम कर रही हैं, जिससे हमारे कैंपस के लिए जोखिम बढ़ गया है."
दर्जनों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए
इसके बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी परिसर पहुंचे. उन्होंने कॉलेज के एक प्रवेश द्वार के पास जमा हुए प्रदर्शनकारियों को हटने का आदेश दिया. इसके बाद दर्जनों पुलिसकर्मी परिसर में दाखिल हुए. उन्होंने हैमिल्टन हॉल से प्रदर्शनकारियों को हटाया. कइयों को गिरफ्तार किया गया. यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट नेमत शाफिक ने पुलिस से कहा है कि वो कम-से-कम 17 मई तक परिसर में मौजूदगी बनाए रखे.