1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

वॉट्सऐप ने क्यों की भारत छोड़ने की बात

रितिका
२६ अप्रैल २०२४

भारत के नये आईटी ऐक्ट के खिलाफ वॉट्सऐप और मेटा ने मुकदमा दायर किया है. वॉट्सऐप ने कहा है कि अगर उसे इनक्रिप्शन फीचर हटाना पड़ा तो वह भारत छोड़ने पर मजबूर हो जाएगा.

https://p.dw.com/p/4fDYH
Symbolbild I Indien I Soziale Netzwerke
इनक्रिप्शन फीचर हटाने के खिलाफ वॉट्सऐपतस्वीर: Manjunath Kiran/AFP/Getty Images

सोशल मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कहा है कि अगर कंपनी पर इनक्रिप्शन फीचर हटाने का दबाव डाला गया तो कंपनी भारत छोड़ने पर मजबूर हो जाएगी. वॉट्सऐप और मेटा ने भारत सरकार के नए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐक्ट (2021) के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.

नए आईटी ऐक्ट के सेक्शन 4 (2) के तहत अब सोशल मीडिया कंपनियों को कोई भी सूचना कहां से आई या कोई मेसेज पहले किसने भेजा इसकी पहचान करनी होगी. वॉट्सऐप ने कोर्ट से कहा है कि वह इस सेक्शन को असंवैधानिक घोषित करे. साथ ही जो कंपनियां इस सेक्शन को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं उन पर कोई आपराधिक जिम्मेदारी ना थोपी जाए.

क्या है वॉट्सऐप की दलील

मामले की सुनवाई के दौरान वॉट्सऐप ने कोर्ट से कहा कि अगर वह सूचना भेजने वाले की पहचान करते हैं तो उन्हें अपने इनक्रिप्शन फीचर को खत्म करना होगा. अगर ऐसा होता है तो वॉट्सऐप भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा.

वॉट्सऐप के मुताबिक इनक्रिप्शन यूजरों की निजता से जुड़ा हुआ है. कंपनी ने यह भी कहा कि आईटी के नये नियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत यूजरों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉट्सऐप का तर्क है कि लोग इस ऐप का इस्तेमाल इसके इनक्रिप्शन फीचर की वजह से ही करते हैं. अगर कंपनी आईटी ऐक्ट के नये नियम लागू करती है तो उसे इन फीचर को हटाना होगा. इसके बिना यह पता लगाना नामुमकिन है कि कोई मेसेज पहली बार किसने भेजा. इसके साथ ही अरबों मेसेज को अनगिनत सालों तक सेव करके रखना पड़ सकता है. कंपनी ने जोर दिया कि इतने मेसेज सेव करना संभव नहीं है क्योंकि इसकी कोई सीमा नहीं है.

Symbolbild I Indien I Soziale Netzwerke
नये आईटी ऐक्ट के खिलाफ वॉट्सऐप और मेटा ने किया है केसतस्वीर: Sajjad Hussain/AFP/Getty Images

इनक्रिप्शन फीचर और निजता का अधिकार

वॉट्सऐप का इनक्रिप्शन फीचर यह सुनिश्चित करता है कि दो लोगों के आपस के मेसेज सिर्फ वही पढ़, देख या सुन सकते हैं. इन्हें पढ़ने या देखने का अधिकार खुद वॉट्सऐप तक के पास भी नहीं है. वॉट्सऐप ने यह फीचर सभी यूजरों के लिए अनिवार्य कर दिया है. इस फीचर को बंद करने का विकल्प भी ऐप में मौजूद नहीं है.

कंपनी ने यह फीचर यूजरों की निजता को ध्यान में रखते हुए लागू किया था. वॉट्सऐप का कहना है कि दुनिया के किसी भी देश में ऐसा कोई नियम नहीं है जो उस पर इनक्रिप्शन फीचर हटाने का दबाव डालता हो.

Iran, Symbolbild Internet
फेक न्यूज पर रोक लगाने की कोशिश में लगी है भारत सरकारतस्वीर: Morteza Nikoubazl/NurPhoto/picture alliance

सरकार की क्या है दलील

नए आईटी ऐक्ट के तहत किसी मेसेज का स्रोत क्या है इसकी जानकारी देना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार का तर्क है कि इससे फेक न्यूज पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है. साथ ही किसी गलत खबर या भ्रामक जानकारी का स्रोत क्या है इसका पता लगाना प्रशासन के लिए आसान हो जाएगा.

सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई प्लेटफॉर्म से इनक्रिप्शन फीचर को हटाए बिना सूचना के स्रोत का पता नहीं लगा सकता है तो यह उस प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है कि वह ऐसा तरीका विकसित करे.

सरकारों को डाटा दे रहा FB मेटा